अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर रोक लगाने इस बड़ी तैयारी में MP सरकार, नियम को दिया जा रहा अंतिम रूप

मध्यप्रदेश में अवैध कॉलोनी के निर्माण पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार नवीन पहल कर रहे हैं। इसके लिए नियमों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। जानकारी की माने तो नए नियम दिसंबर महीना से लागू किए जा सकते हैं। जिसके बाद मध्यप्रदेश में अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर रोक लग जाएगी।
दरअसल राज्य सरकार मध्य प्रदेश नगर पालिका नियम 2021 तैयार करवा रही है। इस नियम के तैयार होते ही बिल्डर को कॉलोनी विकसित करने से पहले नगरीय प्रशासन विभाग से मंजूरी लेनी अनिवार्य होगी और कॉलोनी का पूरा विकास होने तक भूमि खंड सरकार के बंधन में रहेंगे।
वही जानकारी के मुताबिक नए नियमों के तहत कोई भी बिल्डर बिना नगरीय प्रशासन और विकास आयुक्त के मंजूरी के बगैर कॉलोनी का निर्माण नहीं कर सकता है और ना ही उसके भूखंड को बेच सकता है। इसके अलावा बिल्डरों को कॉलोनी विकसित करने की अनुमति मिलने के 5 साल के अंदर ही अपने कार्य को पूरा करना होगा। वही बिल्डिंग निर्माण की इजाजत तभी मिलेगी जब कॉलोनी विकसित करने की मंजूरी पहले से ली जा चुकी हो।
मध्यप्रदेश नगर पालिका कॉलोनी विकास नियम 2021 के लिए नियम पर आम जनता और जनप्रतिनिधियों से आपत्ति और सुझाव मांगे गए हैं। जिसके बाद इस पर विस्तार से कार्यशाला का आयोजन भी किया जा चुका है। इसके अलावा सांसद, पार्षद और विधायक भी खुलकर अपने विचार रख सकेंगे। उम्मीद की जा रही है कि 10 से 15 दिन में आपत्ति और सुझाव पर पूर्ण रूप से नियम तैयार कर उसमें आंशिक संशोधन के साथ उसे लागू किया जा सकता है।
नए नियमों के तहत गड़बड़ी पर आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं आवास डेवलपर या भूमि-स्वामी को 15 दिन का नोटिस देकर विकास कार्य रोकने के निर्देश भी दे सकेंगे। इसके अलावा कालोनी में विक्रय अनुबंध पत्रों के पंजीयन पर रोक लगाने के लिए सार्वजनिक सूचना के माध्यम से आमजन को चेतावनी भी देंगे। वहीं यदि बिल्डर गलत जानकारी देकर पंजीयन करवाने में सफल होता है, तो प्राधिकारी द्वारा कॉलोनी पंजीयन रद कर सकेगा। बिल्डर 75 प्रतिशत काम पूरा करने पर 75 प्रतिशत और 100 प्रतिशत काम पूरा करने पर शेष 25 प्रतिशत भवन या भूखंड बंन से मुक्त किए जाएंगे।
इससे पहले भोपाल संभागीय आयुक्त कविंद्र कियावत ने अवैध कॉलोनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए गुरुवार को यहां 96 कालोनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। भोपाल नगर निगम (बीएमसी) निर्वाचित परिषद की अनुपस्थिति में, कियावत बीएमसी प्रशासक हैं।



