अब बहुरेंगे चित्रकूट के दिन
सतना। भारतीय जनता पार्टी ने अपना सफर दो सीट से शुरू किया था और आज नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार सरकार बनी है इसके पहले अटल बिहारी वाजपेई ने भी बतौर प्रधानमंत्री 5 साल का कार्यकाल पूरा किया था। भारतीय जनता पार्टी ने राम मंदिर के लिए संघर्ष किया और राम नाम का सहारा लेकर कई प्रदेशों के साथ-साथ देश में भी सरकार बनाई लेकिन जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी ने राजनीति में राम का सहारा लिया उस हिसाब से राम ने जहां सर्वाधिक तपस्या की वनवास के समय अपना समय गुजारा उस चित्रकूट के विकास में भारतीय जनता पार्टी का योगदान अभी तक शून्य था प्रदेश के अंदर सुंदरलाल पटवा से लेकर उमा भारती बाबूलाल गौर शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार रही लेकिन इन लोगों ने भी चित्रकूट की उपेक्षा करने में कोई कोताही नहीं बरती। अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद देश में इस बात की चर्चा तेज हो गई की मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने सर्वाधिक दिन तो चित्रकूट में बिताए उसके बाद ही चित्रकूट आज भी विकास के मामले में पीछे क्यों रह गया। कहीं ना कहीं इस तरीके की राजनीतिक क्षेत्र में जब उठने लगी और भारतीय जनता पार्टी के ऊपर चित्रकूट की उपेक्षा के आरोप लगने लगे तो कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी ने मजबूरी में यह निर्णय लिया कि अब चित्रकूट का विकास अयोध्या की तर्ज पर होगा क्योंकि भारतीय जनता पार्टी कि आज की तारीख में उत्तर प्रदेश में भी सरकार है और उत्तर प्रदेश की सरकार ने अयोध्या बनारस और इलाहाबाद का कायाकल्प कर दिया इसके बाद चित्रकूट का ही नंबर है चित्रकूट एक ऐसा शहर है जिसकी सीमाएं मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से जुड़ती है आधा चित्रकूट मध्य प्रदेश में है और आधार चित्रकूट उत्तर प्रदेश में है इसलिए दोनों राज्य की सरकार मिलकर चित्रकूट का विकास करने की योजना बना रही है इसी लिहाज से मध्य प्रदेश की सरकार में चित्रकूट विकास प्राधिकरण का गठन किया और उसके पहले अध्यक्ष के रूप में सतना के कलेक्टर अनुराग वर्मा को चित्रकूट विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बना दिया। अनुराग वर्मा मध्य प्रदेश में आईएएस है और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। इसलिए अनुराग वर्मा को मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की भौगोलिक स्थिति का अच्छा ज्ञान है यदि कोई बड़ी राजनीतिक अड़ंगेबाजी नहीं आई तो निश्चित तौर पर अनुराग वर्मा चित्रकूट का कायाकल्प बेहतर ढंग से कर सकते हैं क्योंकि चित्रकूट एक ऐसी धार्मिक नगरी है जिसका सीधा जुड़ाव मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम पर है और यदि किसी भी अधिकारी को इतना बेहतरीन मौका मिले किसी भी धार्मिक नगरी के विकास करने का तो कोई भी अधिकारी ऐसा मौका छोड़ता नहीं है चित्रकूट के विकास के साथ-साथ कहीं ना कहीं अनुराग वर्मा का भी पूरे देश दुनिया में नाम हो सकता है कि अनुराग वर्मा के नेतृत्व में अनुराग वर्मा के मार्गदर्शन में चित्रकूट ने विकास की एक नई इबारत लिखी थी इसलिए इस बात की संभावना प्रबल है कि अब चित्रकूट का विकास तेजी से हो सकता है ऐसा इसलिए भी दावे के साथ कहा जा सकता है कि वर्तमान में चित्रकूट के विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार है और सुरेंद्र सिंह गहरवार विकास के मामले में देश दुनिया में किसी से भी लडऩा पड़े तो लडऩे से पीछे नहीं हटते किसी भी योजना को सूचित कराकर उसे जमीन स्तर पर उतारने के मामले में मध्य प्रदेश के अंदर सुरेंद्र सिंह गहरवार का कोई सानी ही नहीं है ऐसे में अधिकारी और नेता मिलकर एक बेहतर चित्रकूट की संरचना कर सकते हैं और यदि ऐसा होने पाया तो निश्चित तौर पर चित्रकूट के साथ-साथ विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार और अधिकारी के रूप में अनुराग वर्मा का पूरे देश दुनिया में एक बड़ा नाम हो सकता है जिस तरीके से आज की तारीख में अयोध्या से चुनाव हारने के बाद भी लल्लू सिंह के नाम की चर्चा ज्यादा हो रही है जबकि जिस व्यक्ति ने अयोध्या से लल्लू सिंह को चुनाव हराया उसके नाम की चर्चा कम है।