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चुनाव से पहले 51 प्रतिशत वोट बैंक तैयार करने की चुनौती

भोपाल- मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की देहरी पर खड़ा है। नेताओं ने टिकट के लिए दावेदारी प्रस्तुत करना शुरू कर दिया है। ऐसे में भाजपा के नेताओं को दोहरी परीक्षा से गुजरना पड़ेगा। उन्हें संगठन को सीट बचाने का भरोसा तो दिलाना ही है, उससे पहले 51 प्रतिशत वोट बैंक भी तैयार करना है। पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों ने दावेदारों पर ही यह जवाबदेही सौंप दी है। दावेदारों को यह भी भरोसा दिलाना होगा कि 51 प्रतिशत से अधिक मतदाता उनके साथ हैं, तभी उन्हें टिकट मिल सकेगा।

भाजपा के प्रदेश प्रभारी और पदाधिकारी लगातार दौरे कर रहे हैं, इस दौरान दावेदारी प्रस्तुत करने वालों से साफ कहा जा रहा है कि अपने वोट में 51 प्रतिशत की बढ़ोतरी करो, इसके बाद ही टिकट की दावेदारी मानी जाएगी। भाजपा को विधानसभा चुनाव 2018 में 41 प्रतिशत वोट मिले थे। पार्टी ने इस साल प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में इसे बढ़ाकर 51 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। पार्टी पिछले एक साल से इस पर काम कर रही है। इसी रणनीति के तहत पार्टी 37 प्रतिशत आबादी वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है।

इस वर्ग के लिए लगातार कार्यक्रम किए जा रहे हैं। अब जब चुनाव में नौ माह का समय बचा है, ऐसे में पार्टी ने दावेदारों को टिकट देने के मापदंड से इसे जोड़ दिया है। भाजपा के प्रदेश प्रभारी पी. मुरलीधर राव और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने हाल ही में नर्मदापुरम, जबलपुर सहित अन्य जिलों का दौरा किया है। इस दौरान टिकट के दावेदारों ने अपनी दावेदारी प्रस्तुत की, तो पदाधिकारियों ने यह भी पूछ लिया कि उन्हें पिछले चुनाव में कितने प्रतिशत वोट मिले थे? क्या इस चुनाव में 51 प्रतिशत वोट ले सकते हैं। यदि ऐसा कर सकें, तो ही दावेदारी प्रस्तुत करें।

टिकट के दावेदार इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय होकर अपने फालोअर बढ़ाएं। उनसे जीवंत संपर्क रखें और अपने क्षेत्र में छोटे-बड़े कार्यक्रमों में जाकर लोगों से मिलें। उनकी समस्याएं सुनें और यह भी देखें कि क्षेत्र की जनता को केंद्र और राज्य सरकार की कितनी योजनाओं का लाभ मिला है। यदि नहीं मिला है, तो दिलाएं। पार्टी का मानना है कि जनता के दुख व सुख में साथ रहोगे, तो वोट प्रतिशत बढ़ ही जाएगा। दावेदारों को अब यही करना है। जिसे पिछले चुनाव में 40 प्रतिशत वोट मिले थे। उन्हें 11 प्रतिशत वोट तो बढ़ाना ही होंगे।

यदि टिकट का कोई दावेदार यह दावा करता है कि उसे 51 प्रतिशत से अधिक वोट मिलना तय है, तो पार्टी टिकट देने से पहले उसकी पड़ताल भी कराएगी। जिसमें देखा जाएगा कि वह झूठ तो नहीं बोल रहा है। इसमें मैदानी पदाधिकारियों का सहयोग लिया जाएगा। पार्टी के बूथ और मंडल स्तर पर सक्रिय कार्यकर्ता वोट प्रतिशत बढ़ाने को लेकर लगातार काम कर रहे हैं, वही संगठन को बताएंगे कि संबंधित दावेदार की कैसी साख है और वह चुनाव में कितने प्रतिशत वोट पा सकते हैं। इसमें बूथ कमेटियां ग्रामीणों से रेंडम फीडबैक लेंगी।

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