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अहिंसा के पुजारी हिंसा में लिप्त

सतना। जब शहर में जैन मुनि उपस्थित हो और उस उपस्थिति के बाद भी जैन समाज के दो लोग आपस में जानवरों की तरह लडऩे लग जाए तो फिर ऐसे में धर्म कर्म करने का क्या मतलब। जब अहिंसा के पुजारी हिंसा पर उतारू हो जाए तो ऐसी पूजा पाठ का कोई अर्थ नहीं होता। सतना शहर में दो जैन समुदाय के व्यक्ति अपनी ठसक बरकरार रखने के लिए जूतम पैजार पर उतर आए। हालांकि इस संबंध में दोनो पक्षों ने एफआईआर करा दी है। लेकिन बाजार में दो व्यक्तियों के अहंकार की टकराहट की वजह से पूरी जैन समाज की किरकिरी हो रही है पार्षद पीके जैन ने की जैन समाज की मर्यादा तार-तार
अपने सामने समाज के मंत्री की पिटाई के बाद मुनि श्री चतुर्मास बीच छोडऩे के लिये मजबूर
जैन समाज सतना के परयूसण पर्व के समापन में पहले दिगंबर जैन मंदिर के सामने और उसके बाद जुलूस के दौरान पुराना पावर हाउस के पास पार्षद पीके जैन और उसके भाई अरिंजय जैन द्वारा समाज के मंत्री अंशुल जैन के साथ की गई मारपीट, गाली गलौज ने वर्षों से अखंड चली आ रही सामाजिक एकता को तार तार कर दिया। इस घटनाक्रम से सतना में चतुर्मास कर रहे मुनि श्री प्रणव सागर जी बेहद व्यथित हैं और वे चतुर्मास की परंपरा को तोड़ते हुए यहां से विहार (प्रस्थान) करने तक का मन बना चुके हैं। कुछ महीने पहले भाजपा कार्यालय में हुई पिटाई में विवाद में आये पार्षद पीके जैन और उनके लोग पिछले कुछ दिनों से जैन समाज के आयोजन में व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं। उनके द्वारा अपने राजनैतिक रसूख के बल पर अपने उस जैन समाज के सामने मुसीबतें खड़ी की जा रही थी जो सतना में अपनी एकता के लिये मशहूर था।
थाने पहुंचे दोनों पक्ष
यह मामला थाने तक पहुंच गया है और दोनों पक्षों ने इस घटनाक्रम की एफआईआर तक दर्ज करा दी है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि श्री महावीर दिगंबर जैन परमार्थिक संस्था, जो कि समाज का प्रमुख और पंजीकृत संगठन है, उसके अध्यक्ष डॉक्टर अरविंद सराफा ने अपने लैटर पैड में बकायदा टाइप कराकर पूरी घटना की शिकायत पुलिस में की है। उन्होंने लिखा है कि समाज के कार्यक्रम में संलग्न मंत्री अंशुल जैन रूपाली को अरिंजय जैन, पीके जैन, अभिषेक जैन आदि ने रोककर मारपीट करते हुए गंदी गालियां दी। वहां मौजूद समाज के अन्य लोगों ने बीच-बचाव करके अंशुल जैन को मंदिर के अंदर ले जाकर गेट बंद कर दिये, जब जाकर स्थित सम्हल पाई। उनके द्वारा यह भी लिखा गया है कि हमलावर लोगों के द्वारा पिछले एक अर्से से धार्मिक कार्यों में व्यवधान उत्पन्न करते हुए उन्माद फैलाया जा रहा है।
मुनिश्री के कमंडल को भी ग़लत स्पर्श
इस घटना की पुष्टि वहां मौजूद अनेकों लोग कर रहे हैं और यहां तक बताया जा रहा है कि जब इस घटना में मुनिश्री और उनके कमंडल को भी ग़लत तरीके से स्पर्श किया गया तो स्थिति बेकाबू होने लगी। ज्ञातव्य है कि जैन मुनि विद्या सागर जी महाराज के अनन्य शिष्य और प्रखर प्रवचन कर्ता मुनि श्री प्रणव सागर के सतना चतुर्मास में देशभर के उनके भक्त भी इन दिनों सतना में है और बकायदा मारवाड़ी सेवा सदन में रुककर मुनि श्री की सेवा कर रहे हैं और इस घटनाक्रम के समय वे सभी भी थे और उन्होंने भी इस घटना को जैन समाज के लिये काला दिन निरूपित किया है। इस घटना के दूसरे पक्ष, जो कि राजनैतिक संरक्षण प्राप्त लोग हैं, उन्होंने भी खेद प्रकट करने की बजाय उल्टा अपनी ओर से एफआईआर दर्ज करा दी है।
आदतन खुरापाती
दरअसल पीके जैन पार्षद बनने के पहले भी अपने कुछ साथियों के साथ खुरापात करने के लिये प्रसिद्ध है और पिछले दिनों भाजपा कार्यालय में हुई पिटाई के पहले उनके द्वारा की जा रही टिप्पणियों से उस घटनाक्रम की परिणति हुई थी। इस घटना को कुछ लोगों ने वैश्य समाज के अपमान से जोडक़र उसे राजनैतिक स्वरूप दे दिया था परंतु जानकार लोग यह भी बताते हैं कि इन लोगों का दुरुपयोग समाज में वर्चस्व की लड़ाई को तेज़ करने के लिये भी किया जा रहा है। समाज के फंड को खुर्द-बुर्द करने के आरोप के चलते नयी कमेटी का गठन हुआ था लेकिन पुरानी कमेटी का दखल अभी भी समाप्त नहीं हो पा रहा है और इसी का परिणाम रहा है कि कल पर्व के दिन मुनि श्री के सामने इतनी बड़ी घटना घटित हो गई है जो कि सतना के जैन समाज की गरिमा को तार तार करने के लिये पर्याप्त है। जैन समाज के इस जुलूस के साथ मुस्लिम समाज का भी बड़ा जुलूस निकल रहा था। ऐसे में पुलिस के सामने शांति व्यवस्था बनाए रखना बड़ा सवाल था और इस घटना के बाद अज्ञात आशंका को देखते हुए कुछ देर पुलिस के भी हाथ पैर फूल गये थे।

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