नीलांशू का खेल बिगाड़ेंगे संजय

सतना। सतना और मैहर जिले की सात विधानसभा सीट में अभी कुछ विधानसभा सीट ऐसी है जहां कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों ने अपने प्रत्याशी घोषित नहीं की है लेकिन सतना जिले में चित्रकूट ऐसी विधानसभा है जहां करीब-करीब सभी दलों ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए यहां तक की समाजवादी पार्टी ने भी संजय सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है । संजय सिंह वर्तमान में जिला पंचायत के सदस्य हैं और स्वर्गीय प्रेम सिंह के दामाद लगते हैं। राजनीति के जानकार लोग संजय सिंह के प्रत्याशी बनने के बाद बहुत स्पष्ट रूप से यह कहते सुने गए कि संजय सिंह के मैदान में आ जाने से कांग्रेस को 5 से 7000 वोटो का नुकसान हो सकता है संजय सिंह भारतीय जनता पार्टी के भी वोटो का नुकसान करेंगे लेकिन ज्यादा नुकसान कांग्रेस को होगा संजय सिंह के मैदान में आ जाने से चित्रकूट का मुकाबला च्युष्कोणी हो चुका है । संजय सिंह के चुनावी मैदान में आ जाने से लोग अब ऐसा कहने लगे हैं कि जिस तरीके से नीलांशु चतुर्वेदी जीत की संभावनाओं पर सवार होकर चुनाव जीतने का ख्वाब देख रहे थे अब जरा मुश्किल होगा। सतना जिले के अंदर भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरीके से टिकट बाटी है उसके चलते ब्राह्मण वर्ग में नाराजगी साफ देखी जा रही है । इसी नाराजगी की वजह से सुभाष शर्मा डोली ने बहुजन समाज पार्टी ज्वाइन करके चित्रकूट विधानसभा से चुनाव लडऩे की तैयारी की और आज की तारीख में तमाम राजनीतिक समीक्षक अलग-अलग तरीके से जातिगत आंकड़ों के आधार पर अलग-अलग प्रत्याशियों की जीत के पक्ष में दावे कर रहे हैं लेकिन यह दवा ठीक इस तरीके का है जैसे एक जुआड़ी जीत की संभावनाओं में बहुत सारा पैसा हार जाता है । जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी के लिए राम आदर्श है यदि वाकई में भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने राम को आदर्श मानकर चित्रकूट में विकास किया होता तो निश्चित तौर पर चित्रकूट विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी की यह दुर्गति नहीं होती। आजादी के बाद से विकास की गंगा जी तरीके से चित्रकूट विधानसभा में बहनी चाहिए थी उसे तरीके से किसी भी पार्टी ने चित्रकूट में विकास नहीं किया आज भी सतना जिले की पांच विधानसभा सीटों में यदि सर्वाधिक पिछड़ापन किसी विधानसभा में देखने को मिल सकता है तो वह विधानसभा होगी चित्रकूट। कुपोषण का कलंक भी सतना जिले के माथे में कई बार चित्रकूट विधानसभा के कारण ही लगता रहा है लेकिन नेता क्षेत्र में अपनी गाडय़िों से घूम कर राजनीतिक तौर पर चाहे जितनी धूल उड़ा दे लेकिन जमीनी तौर पर विकास की तमाम संभावनाएं चित्रकूट विधानसभा में छुपी हुई है। बीते 20 वर्षों में यदि भारतीय जनता पार्टी ने चित्रकूट को पर्यटन के दृष्टिकोण से भी विकसित किया होता तो भारतीय जनता पार्टी को दो तरीके से लाभ होता एक तो पर्यटन के माध्यम से राज्य की आई भर्ती दूसरा चित्रकूट क्षेत्र के तमाम लोगों को रोजगार मिलता जिससे लोगों की भारतीय जनता पार्टी के प्रति श्रद्धा बढ़ती लेकिन भारतीय जनता पार्टी किसी से नेतृत्व ने चित्रकूट के विकास के प्रति कभी गंभीरता नहीं दिखाई। आम जनता की निगाह में विधायक बहुत बड़ी चीज होती है लेकिन यदि प्रदेश का मुखिया किसी क्षेत्र के विकास में रुचि न दिखाएं तो विधायक अपने अकेले दम पर किसी भी क्षेत्र का बहुत बड़ा विकास नहीं कर सकता और सुरेंद्र सिंह के साथ भी यही हुआ सुरेंद्र सिंह एक बार चित्रकूट से विधायक से निर्वाचित हुए अपने स्तर पर वह जितना कर सकते थे उन्होंने किया लेकिन तमाम संघर्षों के बाद भी चित्रकूट को प्रदेश और राष्ट्र के विकसित पटल पर सुरेंद्र सिंह भी नहीं ला पाए इसके बाद नीलालशु चतुर्वेदी विधायक बने मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार भी बनी लेकिन कमलनाथ के नेतृत्व में भी चित्रकूट में विकास की जिस तरीके से गंगा बहनी चाहिए थी वह नहीं वही या यूं कहें विकास की गंगा बहाना तो बहुत दूर विकास के छीटें भी चित्रकूट विधानसभा में नहीं पड़े । आज की तारीख में चित्रकूट विधानसभा से चार नाम चिन प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं जिसमें वर्तमान विधायक नीलम चतुर्वेदी पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष के बाद भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर कई वर्षों तक राजनीति की और जब टिकट नहीं मिली तब बहुजन समाज पार्टी का दामन पडक़र सुभाष शर्मा डोली भी चुनाव मैदान में इसके अलावा संजय सिंह को भी समाजवादी पार्टी ने साइकिल पकड़ा दी है अब देखना यह है की संजय सिंह साइकिल का सवारी करके कितने मतदाताओं को रिझा पाते हैं।




