अब किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे नारायण

सतना। कांग्रेस ने अपनी दूसरी सूची जारी कर दी उम्मीद की जा रही थी मैहर से कांग्रेस नारायण त्रिपाठी को टिकट देगी लेकिन कांग्रेस पार्टी ने मैहर के नगर पालिका के अध्यक्ष रह चुके धर्मेश घई को टिकट दे दी। जैसे ही उनके नाम की घोषणा हुई वैसे ही कांग्रेस के कार्यकर्ता नहीं बल्कि धर्मेश घई भी चौंक गए। कार्यकर्ताओं को तो यह उम्मीद थी ही नहीं की धर्मेश को टिकट मिल जाएगा लेकिन धर्मेश को भी इस बात की उम्मीद नहीं थी कि उन्हें टिकट मिल जाएगा। कमलनाथ पूरे साल चिल्लाते रहे की टिकट उसी को मिलेगी जिसका सर्वे में नाम होगा अब कमलनाथ इस बात का खुलासा अगर कर दें कि आखिरकार कौन सी सर्वे एजेंसी ने धर्मेश का नाम जीतने वाले उम्मीदवारों में डाला था। धर्मेश घई मैहर में नगर पालिका का चुनाव उस समय इसलिए जीत गए थे कि अघोषित रूप से नारायण त्रिपाठी ने धर्मेश का समर्थन कर दिया था और धीरज पांडे चुनाव हार गए थे धर्मेश का पूरे मैहर विधानसभा क्षेत्र में कितना बड़ा जनाधार है कितनी वोट उन्हें मिलेंगे यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही सबको पता चलेगा लेकिन इतना तो तय है की मुख्य मुकाबला आज भी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी श्रीकांत चतुर्वेदी और नारायण त्रिपाठी जी भी पार्टी से लड़ेंगे उन्हीं के बीच होगा । विशाल खबर से बातचीत के दौरान नारायण त्रिपाठी ने कहा कि अब मैं विंध्य जनता पार्टी से चुनाव लड़ूंगा । कांग्रेस ने मुझे इसलिए टिकट नहीं दिया कि वह चाहते थे कि मैं अपने विंध्य मुद्दे को त्याग दू लेकिन मैं अब विंध्य मुद्दे को त्याग कर कोई राजनीति नहीं करना चाहता । मैहर विधानसभा की तस्वीर भी करीब करीब अब साफ हो चुकी है भारतीय जनता पार्टी से श्रीकांत चतुर्वेदी बहुजन समाज पार्टी से वीरेंद्र कुशवाहा कांग्रेस पार्टी से धर्मेश घई और विंध्य जनता पार्टी से नारायण त्रिपाठी चुनाव मैदान में होंगे अभी बहुत कुछ ऐसे भी प्रत्याशी होंगे जो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे । कांग्रेस से धर्मेश को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद कई लोगों ने तो यहां तक कह दिया कि इससे बेहतर तो कांग्रेस रामनिवास उरमालिया को प्रत्याशी बना देती उन्हें ज्यादा वोट मिल जाते लेकिन कांग्रेस ने जिस तरीके से प्रत्याशी का चयन किया है उसे देखते हुए तो ऐसा नहीं लगता कि कांग्रेस प्रदेश के अंदर सरकार बनाने के लिए लड़ाई लड़ रही है। धर्मेश के प्रत्याशी घोषित होने के बाद कुछ राजनीतिक समीक्षक ऐसा भी कहते सुने गए कि कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी कोरम पूरा करने के लिए उतारा है अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस नारायण त्रिपाठी का ही समर्थन करना चाहती है अब इस बात में कहां तक क्या सच्चाई है यह तो कांग्रेस की टिकट देने वाले जाने लेकिन इतना तो तय है कि कांग्रेस मैहर में सिर्फ औपचारिकता पूरी करने के लिए चुनाव मैदान में है । हालांकि जैसे ही मैहर से धर्मेश को टिकट मिली वैसे ही अजय सिंह राहुल के सार्थको ने यह गाना गाना शुरू कर दिया कि अजय सिंह के विरोध के चलते नारायण त्रिपाठी को टिकट नहीं मिली यदि अजय सिंह राहुल का विरोध इतना ही प्रभावित था तो भिंड विधानसभा से राकेश सिंह चतुर्वेदी को टिकट क्यों मिल गई जी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने अजय सिंह राहुल जब प्रत्यक्ष के नेता थे उसे समय उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव सरकार के विरुद्ध पेश किया था और राकेश सिंह चतुर्वेदी ने उसे अविश्वास प्रस्ताव की हवा निकाल दी थी न सिर्फ हवा निकाली थी बल्कि भारतीय जनता पार्टी में शामिल भी हो गए थे। आज की तारीख में टिकट के लिए वह नेता मोहताज होता है जिसका जन आधार नहीं होता जिस व्यक्ति के पास जनाधार है वह व्यक्ति निर्दलीय चुनाव लडक़र भी जीत जाता है। जिस नेता ने जनता की वकालत छोडक़र पार्टी की जी हजूरी करना शुरू किया उस नेता के हाथ में सिर्फ पछताने के अलावा कुछ नहीं रह जाता इसलिए किसी भी व्यक्ति को यदि राजनीति करनी है तो उसे दल के सहारे नहीं बल्कि आम जनता के दिल के सहारे राजनीति करनी चाहिए । कांग्रेस ने नारायण को टिकट नहीं की इस बात को लेकर निश्चित तौर पर नारायण त्रिपाठी भी हैरान तो हुए होंगे लेकिन नारायण त्रिपाठी की राजनीतिक शैली को देखने के बाद यह कहा जा सकता है कि वह हताश नहीं होंगे । क्योंकि आज की तारीख में नारायण त्रिपाठी अपने आप में मैहर के लिए एक दल है। चुनाव में जीत हार का दावा तो स्पष्ट तौर पर किसी भी प्रत्याशी के साथ नहीं किया जा सकता लेकिन इसमें दो राय नहीं है या यूं कहें कि नारायण का विरोधी भी मैहर में नारायण को बड़ा नेता तो मानता है।




