कहां गायब हो गए नारायण

सतना। 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले नारायण त्रिपाठी मध्य प्रदेश में एक चर्चित विधायक हुआ करते थे या एक चर्चित विधायक माने जाते थे ऐसा शायद ही कोई दिन होता रहा होगा जिस दिन उनका बयान ना आए या उनकी कोई चि_ी सोशल मीडिया में वायरल न हो लेकिन जैसे ही नारायण त्रिपाठी मैहर से 54000 वोटो से चुनाव हारे वैसे ही वे मैहर से तो गायब हुए ही सोशल मीडिया और मीडिया की भी सुर्खियां नहीं बन रहे क्या अपनी हार को पचा नहीं पाए क्या अपनी हार से सदमे में है क्या हारने के बाद शक्ति संचय करने की प्रक्रिया में लगे हुए हैं। विधायक रहते हुए जिस तरीके से नारायण त्रिपाठी विंध्य क्षेत्र की वकालत किया करते थे की विंध्य में कोई शैक्षणिक संस्थान नहीं है कोई चिकित्सा संस्थान नहीं है कोई प्रबंधन के संस्थान नहीं है हर बात के लिए दूसरे शहरों पर निर्भर रहना पड़ता है। इसके अलावा नारायण त्रिपाठी हमेशा अपने उद्बोधन में यह भी कहा करते थे हमारे पास कोई धंधा नहीं है हमारे पास कोई कारोबार नहीं है इसलिए हम मुखर होकर किसी भी बात का विरोध करते हैं लेकिन क्या चुनाव हार जाने के बाद किसी भी पूर्व विधायक को चुप्पी साध लेनी चाहिए। क्या चुनाव हार जाने के बाद किसी भी पूर्व विधायक को परिदृश्य से गायब हो जाना चाहिए क्या चुनाव हार जाने के बाद जनता से कट जाना चाहिए क्या चुनाव हार जाने के बाद जनता के बीच में जाकर अपनी आभार यात्रा नहीं करनी चाहिए आखिरकार इसी मैहर की जनता ने चार बार नारायण त्रिपाठी को विधायक बनाया था चार बार विधायक बनाने वाली जनता से आखिरकार नारायण त्रिपाठी मुंह क्यों मोड़ रहे हैं। राजनीतिक क्षेत्र में चर्चा है कि आखिरकार नारायण त्रिपाठी कहां भोपाल में है या मैहर में है या किसी कोप भवन में बैठे हैं या वानप्रस्थाश्रम में चले गए। मैहर की जनता को बताना तो चाहिए क्योंकि मैहर की जनता ने नारायण त्रिपाठी को चार बार विधायक बनाया था इसलिए मैहर की जनता का हक तो बनता है कि वह नारायण त्रिपाठी के बारे में जाने की वह कहां है और क्या कर रहे हैं।