नरोत्तम मिश्रा का कमलनाथ पर तंज ‘ठाकुर के दोनों हाथ उनके नेताओं ने ले लिए’

मध्य प्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पर देर रात तक चर्चा चली। लेकिन इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ सदन में मौजूद नहीं थे। इसे लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया है। उन्होने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कहा कि ‘इतना नीरस, तथ्यहीन,आधारहीन और तर्कहीन अविश्वास प्रस्ताव कभी भी सदन में नहीं आया। अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में विपक्ष की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई। सदन में नेता प्रतिपक्ष को अलग-थलग करने में कमलनाथ जी का गुट कामयाब रहा।’
कमलनाथ की अनुपस्थिति पर नरोत्तम मिश्रा का तंज
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ‘आरोप और जवाब सुनने के लिए जिगर चाहिए। रात को बारह बजे के बाद तक तारीख बदलने तक हम सामने बैठे रहे लेकिन रात को बारह बजे तक कमलनाथ जी सदन में नहीं आए। उनका कार्यक्रम में जाना जरुरी था, उनका शादी विवाह में जाना जरुरी था, सिरोंज जाना जरुरी था..सदन जरुरी नहीं था। सदन को वैसे भी वो बकवास कह चुके हैं। विपक्ष की फूट कल देखने को मिली, नेता प्रतिपक्ष को अलग थलग करने की कमलनाथ जी की जो योजना थी वो सामने दिख रही थी। उनके गुट के जो लोग थे वो नेता प्रतिपक्ष को अलग थलग करने में लगे हुए थे। एक समय स्थिति ऐसी आ गई कि नेता प्रतिपक्ष को माइक पर आकर कहना पड़ा कि मैं अकेला सुनूंगा सीएम के भाषण को। कांग्रेस की गुजबाजी की ये स्थिति है। इनमें हिम्मत नहीं है मुख्यमंत्री का सामना करने की। इनमें क्षमता नहीं है जवाब सुनने की। क्योंकि जितने आरोप लगाए गए उनमें ही कोई दम नहीं था, सब कपोल कल्पित थे। कल्पनाओं के स्वर्ग में विचरण कर रहे थे इनके आरोप। इसलिए अगर हिम्मत है तो आओ सामने मुख्यमंत्री का भाषण सुनो।’
‘ठाकुर के दोनों हाथ इनके नेताओं ने ले लिए’
वहीं जब पत्रकारों ने नेता डॉ प्रतिपक्ष गोविंद सिंह को लेकर सवाल किया तो नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि ‘ठाकुर के दोनों हाथ ही इनके नेताओं ने ले लिए।’ सदन में कमलनाथ की अनुपस्थिति को लेकर उन्होने कहा कि ‘सदन तो रात को बारह बजे तक चला था, सिरोंज चले गए थे तो उसके बाद आ जाते। लेकिन शादी विवाह में चले गए, वहां किससे वादा किया था।’ बुधवार को प्रश्नकाल के बाद नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव पर पेश किया जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया। लेकिन ये बात अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय है कि सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान आखिर पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ उपस्थित क्यों नहीं थे। इसे लेकर एक बार फिर कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी की चर्चाएं ज़ोरों पर है।




