मंत्री के सामने भी आई सतना की अंतर्कलह
सतना। सतना जिले के प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय 15 अक्टूबर को सतना आए। दादा सुखेन्द्र सिंह स्टेडियम का उद्घाटन भी किया और यह आश्वासन भी दिया कि अगली बार आऊंगा तो नगर के विकास का खाका खीचूंगा। इस बात का भी दिलासा दिलाया कि पैसे की कोई कमी नहीं आएगी। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला है जो रोज कोई न कोई सौगात रेवा को दिला देते हैं जब सतना जिले के प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय बने तो सतना जिले को यह उम्मीद हुई कि कैलाश विजयवर्गीय सतना के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। 1 दिन में जितने उद्घाटन हो सकते थे कैलाश विजयवर्गीय ने उतने उद्घाटन एक दिन में जितने पूजन हो सकते थे नए कार्यों के लिए उतने पूजन भी किए लेकिन इसके साथ-साथ उन्होंने अपने संबोधन में सतना जिले के नेताओं को आगाह भी किया और कहा यदि सतना का विकास करना चाहते हो तो व्यक्तिगत हित त्याग दो मिलजुल कर काम करोगे तो सतना का विकास होगा कैलाश विजयवर्गीय 1 दिन में ही यह बात समझ ली की सतना के नेताओं में पर्याप्त मात्रा में अंतर्कलह है। जिसके चलते सतना का विकास नहीं हो पाया हर नेता श्रेय लेने की फिराक में सतना का गड्ढा खोदता रहा। कहने के लिए सतना स्मार्ट सिटी है लेकिन इसकी सूरत किसी गांव से भी बदसूरत है। नेता अपने स्वार्थ में इस कदर मशहूर है कि वह सतना का यातायात भी नहीं सुधार पा रहे कई बार यातायात समिति की बैठक हुई कई बार लोगों से मार्गदर्शन लिया गया लेकिन नतीजा शून्य ही निकला। शहर की परेशानियों से किसी नेता को कोई लेना देना नहीं सडक़ें खुदी ही पड़ी है बिजली के मीटर करंट मार रहे हैं शहर की स्कूलों में क्लास नहीं लग रही हैं कलेक्ट्रेट के कर्मचारी भी टाइम से ऑफिस नहीं आते जिला चिकित्सालय के संबंध में कुछ कहना ही बेमानी है खाद्यान्न वितरण प्रणाली की स्थिति किसी से छिपी नहीं है आंगनबाड़ी केन्द्रों की हालत कुछ इस कदर है की सब कुछ कागजों में चल रहा है जिला पंचायत के हालात कुछ इस कदर है कि जब जिला पंचायत के अध्यक्ष ही आंसू बहाते रहते हैं तो सरपंच और सचिव उप सरपंच की बात ही करने का कोई मतलब नहीं है। जिला पंचायत की उपाध्यक्ष सुष्मिता सिंह गला फाड़ फाड़ कह रही हैं कि स्कूलों में भ्रष्टाचार की नदियां बह रही है पर सुनने वाला कोई नहीं है। हर नेता सिर्फ फोटो खिंचाने में लगा हुआ है उसकी फोटो ज्यादा से ज्यादा अखबारों में कैसे छप सकती है सोशल मीडिया में कैसे फोटो वायरल हो सकती है। विकास के नाम पर कुछ नया नहीं जुड़ रहा है रीवा से एक ट्रेन नई दिल्ली सप्ताहिक चलती थी वह भी बंद हो गई। पूरे देश के अंदर राजनीति कुछ का ध्रुवीकरण कुछ इस तरीके से हुआ है कि हिंदू मुस्लिम के चक्कर में भारतीय जनता पार्टी के लोग चुनाव जीत जाते हैं और चुनाव जीतने के बाद बहुत सारे ऐसे नेता है जो काम करना ही नहीं चाहते। देश के अंदर तमाम केंद्रीय मंत्री है लेकिन काम के मामले में यदि गडकरी के अलावा शायद ही किसी मंत्री का नाम काम को लेकर लोग याद करते हो। सतना के नेताओं में जिस तरीके से गुटबाजी है उस गुटबाजी से सतना जिले के प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी बातचीत हो गए और उन्होंने कहा कि उनके पास जितने भी फोन आते हैं हमेशा नकारात्मक फोन आते हैं सकारात्मक फोन नहीं आते जिस तरीके से कैलाश विजयवर्गीय ने सतना के नेताओं की तरफ इशारा किया उस सतना के नेताओं की जो तस्वीर उभर कर सामने आई उसे यह बात साबित हो गई कि प्रभारी मंत्री के निगाह में भी सतना जिले के नेताओं की तस्वीर अच्छी नहीं है घोषित तौर पर प्रभारी मंत्री ने किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन अघोषित रूप से यह हिदायत दे दी यदि शहर का विकास करना है तो व्यक्तिगत हित को तिलांजलि देनी पड़ेगी लेकिन ऐसा संभव नहीं सतना के नेता सब कर सकते हैं व्यक्तिगत हितों की तिलांजलि नहीं दे सकते सतना का विकास हो या ना हो उन्हें सिर्फ अपने विकास से मतलब है।