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क्यों रो रहे है जिला पंचायत के सदस्य

सतना। भारतीय जनता पार्टी के राज में अधिकारियों की अराजकता के चलते भारतीय जनता पार्टी समर्थित लोग ही कराह रहे है, पीडि़त है परेशान है तकलीफ में हैं। जिला पंचायत के अधिकांश सदस्य एक बैठक करते हैं और उस बैठक में निर्णय लेते हैं निर्णय करने के बाद एक पत्र कलेक्टर महोदय को ज्ञापन के रूप में सौंपते हैं जिसमें यह कहते हैं कि पंचायती राज व जिला पंचायत की कार्य प्रणाली में अवस्थाएं हैं एवं खुलेआम भ्रष्टाचार इसके खिलाफ हम जल्दी ही जिला पंचायत कार्यालय में तालाबंदी करेंगे और धरना प्रदर्शन करेंगे। जिला पंचायत के सदस्यों ने कहा कि बीते दो वर्षों से लगातार जिले में प्रशासनिक विसंगतियां प्राप्त है इस बात की शिकायत भी समय-समय पर की गई है लेकिन इस पूरे मामले में किसी भी प्रकार की अवस्था में सुधार या समाधान नहीं किया गया। जिला पंचायत के सदस्यों ने यह भी कहा कि ऐसा कोई विभाग नहीं है जिस विभाग के कर्मचारी अपने काम के प्रति गंभीर हो। इतना ही नहीं जनहित सरोकार से जुड़े जितने भी विभाग है वह सरकारी योजनाओं को सिर्फ कमाई का जरिया बने हुए हैं। जिला पंचायत के सदस्यों ने कहा की प्रदेश में पंचायती राज व्यवस्था के छठे कार्यकाल का आधार समय बीत चुका है और जिला पंचायत के सदस्यों के दिमाग में हवा भर कर गई है कि जिले में व्याप्त अनियमिताओं और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के पीछे जिले की जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों की मौन सहमति है जिसके कारण जिले में छोटे से लेकर बाद कर्मचारी अधिकारी बगैर किसी दव भर के अनीता व भ्रष्टाचार करने से नहीं डर रहा है। यह बात भारतीय जनता पार्टी समर्थित जिला पंचायत के सदस्य कह रहे हैं अगर यह बात कांग्रेस के लोग कहते तो यह लगता कि यह विरोधी दल के लोग हैं इसलिए विरोध की बात कर रहे हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी के शासन में भारतीय जनता पार्टी समर्थित लोग अगर अपनी ही सरकार के नुमाइंदों से परेशान है तो भ्रष्टाचार का अराजकता का अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस स्तर पर अराजकता पसरी हुई है और जब जिला पंचायत के सदस्य आंसू बहा रहे हैं जब जिला पंचायत के सदस्य रो रहे हैं तो आम जनता की क्या हालत होगी इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

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