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सिद्दीक हसन तालाब में छोड़ा जा रहा चिकित्‍सकीय अवशिष्‍ट, बिगड़ रही पानी की सेहत

भोपाल- जीवन देने वाले अस्पतालों की लापरवाही से पुराने शहर के सिद्दीक हसन और मुंशी हुसैन खां तालाब की सेहत बिगड़ गई है। इन तालाबों का पानी इतना प्रदूषित हो गया है कि इसके कारण आसपास के पूरे क्षेत्र का भूजल भी प्रदूषित हो गया है। पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार तालाब में प्रदूषण इतने खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है कि इन तालाबों की मछलियां खाने से कैंसर तक होने की संभावना है। मई 2021 में कोरोना काल के दौरान मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व संचालक विजय अहिरवार ने पदाधिकारियों के साथ यहां का निरीक्षण किया था। इस दौरान पानी की जांच में उन्होंने पाया था कि इस तालाब का पानी छोटे तालाब और शाहपुरा तालाब से भी खराब ई कैटेगिरी का है। इसके बाद अहिरवार ने अस्पतालों पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति का दंड लगाया था। इस मामले को लेकर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) में याचिका भी दायर की गई है। इसके अलावा सिद्दीक हसन तालाब के आसपास अतिक्रमण कर बनाए गए मकानों का सीवेज भी सीधे छोड़ा जा रहा है। इससे भी तालाब की सेहत प्रभावित हुई है। सिद्दीक हसन का पानी मुंशी हुसैन खां तालाब में जाने के कारण वह भी प्रदूषित हो रहा है।

मेडिकल वेस्ट छोड़ रहे अस्पताल
सिद्दीक हसन के ऊपर बने 15 अस्पतालों में से 12 अस्पताल सीधे तालाब में मेडिकल वेस्ट छोड़ रहे थे। कई अस्पतालों के पास ईटीपी नहीं थे। कुछ अस्पताल अन्य अस्पतालों के ईटीपी में अपना मेडिकल वेस्ट ट्रीट होने के लिए भेज रहे थे और कुछ अस्पतालों ने तो ईटीपी लगाए ही नहीं थे। इस दौरान पूर्व संचालक ने अस्पतालों में की गई इस भारी लापरवाही के कारण पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के लिए दंड लगाया था। वर्तमान में कई अस्पताल द्वारा मेडिकल वेस्ट तालाब में छोड़ने की संभावना है। सिद्दीक हसन के आसपास पिछले तीन दशक में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण कर घर बनाए गए हैं और इनका सीवेज सीधे तालाब में छोड़ा जा रहा है।
मछलियां खाना खतरनाक
किसी तालाब में लगातार सीवेज छोड़े जाने से यहां का पानी पहले तो प्रदूषित हो जाता है। इसके बाद तालाब में गंदगी की वजह से कई जलीय जीव मरने लगते हैं। केवल कुछ प्रजाति की मछलियां जैसे रोहू और कतला ही इसमें जीवित रह पाएंगी। इन मछलियों को सीवेज फैट फिश कहा जाता है। क्योंकि यह सीवेज खाकर जिंदा रहती हैं। ऐसे में इन मछलियों के सेवन से कैंसर रहने का खतरा रहता है।

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