अनिल कहीं मेरी बैंड न बजा दे : कैलाश विजयवर्गीय
सतना। सतना जिले के प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अपनी साफगोई और स्पष्ट बयानों के लिए जाने जाते हैं। कैलाश विजयवर्गीय अपने से जुड़े साथियों एवं कार्यकर्ताओं को भी महत्व देते हैं ऐसा उनके बारे में सर्वविदित है। कैलाश विजयवर्गीय अपने त्वरित निर्णय एवं सख्त निर्णय के लिए भी जाने जाते हैं इस बात की उम्मीद की जा रही थी कि कैलाश विजयवर्गीय बतौर सतना जिले के प्रभारी मंत्री के रूप में कुछ लोगों को अपनी तरफ टिप्पणी का शिकार भी कर सकते हैं और कुछ लोगों को अच्छे कार्यों के लिए सम्मानित या हौसला अफजाई कर सकते हैं। कैलाश विजयवर्गीय जब सतना जिले के प्रभारी मंत्री बने तो उम्मीद की जा रही थी कि उनका दौरा जल्द होगा लेकिन 15 अक्टूबर को वह प्रभारी मंत्री बनने के बाद पहली बार सतना की यात्रा में आए सारी चीजों को जाना समझा और दादा सुखेंद्र सिंह स्टेडियम का समारोह पूर्वक उद्घाटन भी किया।
उद्घाटन समारोह के दौरान वहां पर उपस्थित कई नेताओं का कैलाश विजयवर्गीय ने नाम लिया लेकिन नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष अनिल जायसवाल का नाम लेना भूल गए, अचानक से उनकी निगाह जब अनिल जायसवाल से मिली तो उन्होंने अनिल जायसवाल का जिस तरीके से सम्मान बढ़ाया वह काबिले तारीफ था। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मैं अनिल जायसवाल का नाम लेना भूल गया हूं और वह मेरी तरफ घूर रहे हैं कहीं मेरी बैंड न बजा दे। एक राष्ट्रीय स्तर का नेता जो भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय महामंत्री रहा हो और आज की तारीख में मध्य प्रदेश में कैबिनेट स्तर के मंत्री है उसके बाद भी एक कार्यकर्ता को अपने से जुड़े साथी को जिस तरीके से कैलाश विजयवर्गीय महत्व देते हैं उसका हर आदमी कायल है।
कैलाश विजयवर्गीय ने भरी सभा में जिस तरीके से अनिल जायसवाल का महत्व बढ़ाया उसे देखकर वहां उपस्थित लोग यह मान गए कि अनिल जायसवाल की कैलाश विजयवर्गीय से काफी नजदीकियां हैं। इसके पहले भी कैलाश विजयवर्गीय जब भी सतना के दौरे में आए और उन्हें जरा भी वक्त मिला तो वह अनिल जायसवाल के घर जाना नहीं भूलते। कैलाश विजयवर्गीय की टिप्पणी से भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने तो जो कुछ भी कहा वह ठीक ही था लेकिन जिनका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं था वे लोग भी यह कहते सुने गए की नेता ऐसा ही होना चाहिए जो अपने साथियों को महत्व दे और उनका हमेशा महत्व बढ़ाए।