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पहले हिंदू थे देश के सारे मुसलमान : नियाज

सतना। देश के अंदर एक ऐसे मुसलमान आईएएस है जो अपनी बात बड़ी बेबाकी के साथ रखते हैं उनके मन में किसी बात का भय नहीं है। उनके ऊपर यह शेर बिल्कुल मुफीद बैठता है कि मैं बेपनाह अंधेरों को सुबह कैसे कहूं मैं नजरों का अंध तमस भी नहीं हिम्मत से सच कहो तो बुरा मानते हैं लोग रो-रो के बात कहने की आदत नहीं रही। आईएएस नियाज खान ने ब्राह्मण द ग्रेट जैसी 10 किताबें लिखी है।
इस तरह की किताब लिखने वाले हिंदुस्तान के अंदर शायद नियाज खान पहले अधिकारी है। कई मुसलमान हिंदुस्तान के अंदर नियाज खान जैसा सोचते जरूर होंगे लेकिन नियाज खान जैसा लिख नहीं सकते और नियाज खान जैसा डर के मारे बोल नहीं सकते क्योंकि उन्हें इस देश में फतवों का डर है। नियाज खान ने अपने एक साक्षात्कार में बड़े स्पष्ट रूप से यह कहा कि मुसलमान का भला मदरसों से नहीं होगा। निश्चित तौर पर नियाज खान मुसलमान होने के नाते यह बात महसूस करते होंगे कि शायद वह भी अगर मदरसे के ऊपर निर्भर होते तो द्बड्डह्य नहीं बन पाते। उन्होंने यह भी कहा कि देश के सारे मुसलमान हिंदू है 1000 साल पहले बाहर से आए लोगों ने सबको मुसलमान बना दिया मैंने सारे वेद पढ़े हैं मुझे फटन से डर नहीं लगता देश संविधान से चलता है मैं केवल देश का कानून मानता हूं इतिहास उठाकर देखा जिसे ब्राह्मणों को खत्म करने की कोशिश की वह खुद खत्म हो गया ब्राह्मण अमर है वह गिर के फिर इस ताकत से उठ जाता है तभी तो धर्म बचा है इस नियम खान ने ब्राह्मणों के महत्व को जिस तरीके से रेखांकित किया है शायद हिंदुओं में भी लोग आज की तारीख में ब्राह्मणों के महत्व को रेखांकित नहीं करते आज की तारीख में हिंदुओं के बीच में भी ब्राह्मण लोगों की आंखों में खटकते हैं लेकिन जिन लोगों ने ब्राह्मण के महत्व को समझा ब्राह्मण की विधाता को समझा ब्राह्मण की ज्ञान को समझा उसने हमेशा ब्राह्मणों को महत्व दिया।

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