ताजा ख़बरें

बसपा से लड़ सकते हैं रत्नाकर

सतना जिले के अंदर इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि बहुजन समाज पार्टी से सतना विधानसभा से अनिल अग्रहरि शिवा और मैहर विधानसभा से मनीष पटेल चुनाव लड़ेंगे लेकिन राजनीतिक सूत्रों का कहना है की इन दोनों ने अब चुनाव लड़ने की इच्छा त्याग दी है पता चला है की मैहर से बहुजन समाज पार्टी की टिकट वीरेंद्र कुशवाहा को मिलने वाली है और सतना से बहुजन समाज पार्टी की टिकट से रत्नाकर चतुर्वेदी शिवा चुनाव लड़ सकते हैं । राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि बहुजन समाज पार्टी की तमाम टिकट कई बार भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं के इशारे पर मिलती है यदि इस बात में सच्चाई है तभी तो मैहर से मनीष पटेल और सतना से अनिल अग्रहरि सेवा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं । भारतीय जनता पार्टी की पूरी कोशिश है कि मध्य प्रदेश के अंदर ज्यादा से ज्यादा सीट जीत कर सरकार बनाई जाए उसे हिसाब से भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरीके से राजनीतिक जमावट की है उसे देखते हुए यह कहां जा सकता है की मैहर से वीरेंद्र कुशवाहा और सतना से रत्नाकर चतुर्वेदी शिवा चुनाव लड़ सकते है। भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं का ऐसा मानना है कि यदि रत्नाकर चतुर्वेदी सेवा सतना से चुनाव लड़े तो गणेश सिंह से नाराज ब्राह्मण मतदाता रत्नाकर चतुर्वेदी सेवा को वोट दे देगा। ऐसा होने पर वोटो का विभाजन होगा। इसको इस तरीके से भी समझा जा सकता है सतना शहर में इस बात की हवा फैलाई जा रही है कि ब्राह्मण मतदाता नाराज है यदि कोई ब्राह्मण प्रत्याशी उतरता है तो पूरा ब्राह्मण उसको वोट दे सकता है यह किताबी बातें हैं। सतना जिले का अधिकांश ब्राह्मण मतदाता भारतीय जनता पार्टी का समर्थक बताया जाता है और सतना विधानसभा चुनाव में भी तमाम प्रयासों के बाद भी 10 से20000 ब्राह्मण मतदाता तो भारतीय जनता पार्टी के साथ जाएगा ही । जो मतदाता गणेश सिंह से नाराज है या भारतीय जनता पार्टी से नाराज है वह मतदाता यदि जातिवादी हुआ तो रत्नाकर चतुर्वेदी शिवा के साथ जा सकता है ऐसे में भारतीय जनता पार्टी आसानी के साथ चुनाव जीत सकती है लेकिन यदि नाराज ब्राह्मण मतदाता कहीं कांग्रेस के पास जाने पाया तो कहानी बदल सकती है। कमोवेश शहर के अंदर वैश्य समाज भी सवर्ण प्रत्याशी की तलाश में है यदि वैश्य समुदाय को उनकी पसंद का प्रत्याशी मिला तो वह भी भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस से समान दूरी बना सकते हैं लेकिन इस बात का भी फायदा कहीं न कहीं भारतीय जनता पार्टी को ही होगा लेकिन यदि सतना शहर का वैश्य समुदाय जो भाजपा से नाराज है यदि कांग्रेस के पास जाने पाया तो भारतीय जनता पार्टी के लिए मुश्किल हो जाएगी । यदि बहुजन समाज पार्टी से अनिल अग्रहरि शिवा भी लड़ते हैं तो भी इसका फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिलेगा क्योंकि सवर्ण वोटो का जितना विभाजन होगा उतना उतना फायदा भारतीय जनता पार्टी को होगा । इस हिसाब से भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकार सतना विधानसभा में ज्यादा से ज्यादा सवर्ण वोटो का विभाजन करना चाहेंगे । वहीं कांग्रेस के रणनीतिकार सवर्ण वोटो को बहुजन समाज पार्टी में जाने से रोकने का प्रयास करेंगे यदि कांग्रेस ऐसा करने में सफल रही तो निश्चित तौर पर इसका फायदा कांग्रेस को होगा । हालांकि अभी बहुजन समाज पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है लेकिन जैसे ही प्रत्याशी घोषित हो जाएंगे वैसे ही तमाम समीकरण शीशे की तरह साफ हो जाएंगे।

Related Articles

Back to top button
Close